शुक्रवार, 29 जून 2007

पहचान

आपसी चर्चा के दौरान
'
तिरंगा झंडा' में
"कौन-सा रंग नीचे होता है?"
जब वह नहीं जाना,
तब कहीं जाकर
विदेशियों ने उसे
'भारतीय नेता' माना | 
-उमाशंकर मनमौजी

1 टिप्पणी:

  1. यदि आप अपनी परंपराओं को नकारकर पाश्चात्य की अंधानुकृति में संलग्न हैं तो वाकई आप अत्याधुनिक एवं धर्मनिरपेक्ष हैं । विशेषतया जिनपर इस देश की महती जिम्मेवारी है, वही अपनी चीजों से दूर हट रहे हैं एवं अपने को पाश्चात्य का दुमकटा पिठ्ठू साबित करने में लगे हुए हैं । हम शेक्सपीयर को तो जानते हैं लेकिन कालिदास के बारे में पुछो तो शायद बगलें झाँकने लगें । धन्य है.......हमारे नेता एवं उनके अनुयायी तथा धन्य हैं स्वघोषित प्रगतिवादी-धर्मनिरपेक्ष कलमघिस्सु .........बारम्बार आपको नमन !!!

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