रविवार, 27 जनवरी 2008

भँवरवा के तोहरा संगे जाई (निरगुन)

भँवरवा के तोहरा संगे जाई
के तोहरा संगे जाई
भँवरवा के तोहरा संगे जाई ।

आवे के बेरिया सभे केहु जाने,
दुअरा पे बाजल बधाई
जाये के बेरिया केहु ना जाने,
हंसा अकेले उड़ी जाई
भँवरवा के तोहरा संगे जाई ।

देहरी पकड़ के मेहरीं रोवें,
बाँह पकड़ के भाई,
बीच अँगनवा माताजी रोवें,
बबुआ के होखेला बिदाई
भँवरवा के तोहरा संगे जाई ।

कहत कबीर सुनो भाई साधो,
सतगुरू सरन में जाई
जो यह पद के अर्थ बतइहें,
जगत पार होई जाई
भँवरवा के तोहरा संगे जाई ।


[इस भोजपुरी निरगुन में मृत्यु के बाद का चित्रण बहुत ही सूक्ष्मता से किया गया है.]

3 टिप्‍पणियां:

  1. दो महीनों के बाद आपकी ब्लॉगलेखन में वापसी पर बधाई हो । यह कार्य आपने अच्छा आरम्भ किया है । इसे जारी रखिएगा तो पढ़ने वाले भी जुड़े रहने में रुचि रखेंगे ।

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  2. ATI RAMNIYAA.
    BAHUT NIMAN BA.......
    PADAA KE TAA MAN GAD-GAD HO GAEL....

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  3. Bahut bahut Sadhuwad Mani Bhai... bbhojpuri ke khatir bahut hi achaa samagri uplabhd karwle bani..

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