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इस ब्लॉग को बनाते समय मुख्य उद्देश्य था अंग्रेजी के ही अधिकतम प्रभुत्व वाले इंटरनेट रूपी समुद्र में अपनी हिंदी भाषा को और समृद्ध करना, ताकि आगे आने वाले समय में हिंदी भाषा के लिए मशीनी अनुवाद पर काम हो तो उसे शब्द भंडार (कॉर्पस) की कमी से ना जूझना पड़े। हालांकि मेरा यह प्रयास समुद्र में एक बूंद जल डालने से भी कम है।
कुछ दिल की, कुछ इधर-उधर की बातें...बांटने आया हूं आपसे.......
शुक्रवार, 29 जून 2007
छात्र की इज्जत
शिक्षक ने छात्र से कहा- "आजकल तुम स्कूल क्यों नहीं आते ?" छात्र बोला- विनम्रता से सकुचाते- "सर, हमारे घर की प्राचीन परंपराओं की साख मिटती है एक जगह बार-बार जाने से इज्जत घटती है "
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