
बहुत हुई बकवास
कि अब अमर करें बनवास
कि छोड़ दिया मुलायम गद्दी
कि अब करें वे ब्लॉगवास
कि अब वे उचरें कांग्रेस-राग
कि अब गाएंगे वो गीत
कि अब बने वो मैडम के मीत
तो भैया, बहुत हुई बकवास
अब रहो ना तुम उदास
और कुछ इधर-उधर से लेके
निकालो अपनी भी भड़ास......
[चित्र गूगल मियां की कृपा से]
Bahut Acche Diwakar Bhai...
जवाब देंहटाएंकि अब गाएंगे वो गीत
कि अब बने वो मैडम के मीत
Sahi kaha aapne...
सटीक!
जवाब देंहटाएंकि अब गाएंगे वो गीत
जवाब देंहटाएंकि अब बने वो मैडम के मीत
तो भैया, बहुत हुई बकवास
अब रहो ना तुम उदास
और कुछ इधर-उधर से लेके
निकालो अपनी भी भड़ास......
वाह भाई वाह...एकदम यथार्थ और सटीक और हाँ अधिकत्तर नेता एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं...।
अमर सिंहजी वेचारे.....भाग्य के मारे..अब ना इधर के हुए ना उधर के अस्तु...बस दिन काट रहे हैं....
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जवाब देंहटाएं@-निकालो अपनी भी भड़ास....
In my humble opinion one should not vent out his/her pent up bitterness in posts.
Blog space is a very pious platform.
@ दिव्या जी, यहाँ भड़ास से तात्पर्य अपने विचार अथवा भावना को संयत-शालीन-सभ्य शब्दों में उकेरने से है. इससे कोई अन्य अर्थग्रहण अपेक्षित नहीं है.
जवाब देंहटाएंइस ब्लॉग पर आगमनार्थ आपका धन्यवाद..
mujhse arth samajhne mein bhool hui....kshama kijiyega.
जवाब देंहटाएं@ दिव्या जी, माफी-क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग कर मुझे लज्जित ना करें...आपने ऐसी तो कोई बात ही नहीं, जिसके लिए क्षमा शब्द का प्रयोग करना पड़े.....
जवाब देंहटाएंMaza aaya.........
जवाब देंहटाएंAap Hindi ke 'singh' bane aur aapka lekhan 'amar' rahe.....
ha ha ha!
It's been ages I have seen any post from you. Hope all is well at your end.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब दिवाकर जी !
जवाब देंहटाएंसर ! अच्छी चुटकियाँ हैं। आपके ब्लॉग का कलेवर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंआपकी भड़ास निकली या अभी बाकी है.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब दिवाकर जी !
जवाब देंहटाएंकभी समय मिले तो हमारे ब्लॉग//shiva12877.blogspot.com पर भी अपने एक नज़र डालें
सही खिंचाई की गई है |
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंआपका जीवन
सुख, शान्ति,
स्वास्थ्य
एवं समृद्धि से परिपूर्ण हो।
इस अवसर पर एक वृक्ष लगायें।
जन्मदिन को यादगार बनायें॥
पृथ्वी के शोभाधायक, मानवता के संरक्षक, पालक, पोषक एवं संवर्द्धक वृक्षों का जीवन आज संकटापन्न है। वृक्ष मानवता के लिये प्रकृति प्रदत्त एक अमूल्य उपहार हैं। कृपया अपने जन्मदिवस के शुभ अवसर पर एक वृक्ष लगाकर प्रकृति-संरक्षण के इस महायज्ञ में सहभागी बनें।
कांग्रेसी नेता इस बात का जी तोड़ प्रयत्न कर रहे हैं कि किसी प्रकार से सत्ताधारी परिवार (दल नही परिवार) की छवि गरीबों के हितैषी के रूप मे सामने आए, इसके लिए वो छल छद्म प्रपंच इत्यादि का सहारा लेने से भी नही चूकते। इसकी जोरदार मिसाल आपको नीचे के चित्र मे मिल जाएगी
जवाब देंहटाएंhttp://bharathindu.blogspot.com/2011/03/blog-post.html?showComment=1299158600183#c7631304491230129372
कि अब बने वो मैडम के मीत।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ।
मार्कण्ड दवे।