
स्वागतम् !!
इस ब्लॉग को बनाते समय मुख्य उद्देश्य था अंग्रेजी के ही अधिकतम प्रभुत्व वाले इंटरनेट रूपी समुद्र में अपनी हिंदी भाषा को और समृद्ध करना, ताकि आगे आने वाले समय में हिंदी भाषा के लिए मशीनी अनुवाद पर काम हो तो उसे शब्द भंडार (कॉर्पस) की कमी से ना जूझना पड़े। हालांकि मेरा यह प्रयास समुद्र में एक बूंद जल डालने से भी कम है।
कुछ दिल की, कुछ इधर-उधर की बातें...बांटने आया हूं आपसे.......
गुरुवार, 17 जून 2010
जरा इधर भी तो नजर डालिए, जनाब.....

बुधवार, 9 जून 2010
भविष्य बहुत उज्ज्वल है, चच्चा !! [एक नेता की कहानी, उसी की जुबानी]

रामलुभाया चच्चा, प्रणाम ।
खुश रहो गुणगोबर, क्या हाल-चाल है? आजकल ना तो दिखाई देते हो, और ना ही सुनाई पड़ते हो, क्या बात है? और तोहरे चेहरा पर ई खुशी टपक रही है, एकर का राज है?
अरे बात-वात कुछो ना है, चच्चा? जब से पिछला पंचायत चुनाव हारा हूं, तबसे खलिहरे चल रहा था, तो सोचा कि समाजसेवा में और आगे बढ़ने के लिए कुछो अऊर टरेनिंग-वरेनिंग ले ली जाए। ऊ का है ना कि लोकसभा और विधानसभा से एके साथ टॉस हारने के बाद अपने घोटालाराज भईया भालू परसाद जी ने एक नया टरेनिंग इस्कूल खोला है, समाजसेवा में कैरियर बनाने वालों के लिए। ई टरेनिंग स्कूल की सबसे बड़ी खासियत है कि ई फुल्ल प्लेसमेंट की गारंटी देता है, एहीसे उहां प्रवेश पाने के लिए बहुते भीड़ लगी हुई है लेकिन हमने थोड़ी तिकड़मबाजी के द्वारा एगो सीट अपने लिए बुक करा लिया है।
अच्छा, कईसे मिला ई सीटवा तोहे?
अब आपसे का छुपाना रामलुभाया चच्चा । भालूए जी के पारटी के एगो समाजसेवक जी को पटाया तब जाके एडमिशन मिला है। उ समाजसेवक जी हमरे फुलेना मामा के जो गेंदा चाचा हैं ना, उनके छोटका सार के लंगोटिया ईयार हैं, त उन्ही का माध्यम से अपनी पहुंच बनी। बहुते बढ़िया आदमी हैं समाजसेवक जी। उ त पचास हजार से कम में किसी का काम नहीं करते हैं, बाकि फुलेना मामा के गेंदा चाचा के छोटका सार के लंगोटिया ईयार होने के कारण हमार काम आधा लेकर ही कर दिया।
एडमिशन पावे खातिर बहुते बधाई गुणगोबर भतीजा!!
धन्यवाद चच्चा ।
अच्छा ई बताव कि एह कोर्स करने से फायदा का है, और ई केतना महीना का कोर्स है?
“Pre-School Diploma In Corruption Management (PSDCM)” नामक ई कोर्स छः महीना का है, जिसे पढ़ाने के लिए देश-विदेश के विभिन्न भ्रष्टाचार पारंगतों को मोटी फीस देकर बुलाया जा रहा है। बाकिर भालू प्रसाद जी त खुदे अपने-आप में "भ्रष्टाचार शिरोमणि" हैं। उनका चेला होने के कारण बढ़िया पैकेज के साथ कवनो ना कवनो कंपनी या संगठन में काम मिलिए जाएगा। "सत्यम" वाला के साथे और भी कुछ खास-खास पिराइवेट कंपनिया त अभिए से हमारे टरेनिंग इस्कूलिया में आने लगा है। सरकारी संस्थान भी हमरे इहां के टॉपरों को अपरेंटिंस कराने के लिए राजी हो गए हैं। चच्चा ढेर नाहीं बोलुंगा, बस एतना समझ लीजिए कि कोर्स करते-करते हमहुं टॉप कलसिया भ्रष्टाचारी बनिए जाएंगे। भविष्य बहुत उज्ज्वल है, चच्चा !!
[चित्र गूगल महाराज की कृपा से]