मंगलवार, 18 मई 2010

राघवेन्द्र, आप बहुत याद आओगे……

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।

तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्यन्यानि संयाति नवानि देही॥

[[जिस प्रकार एक मनुष्य पुराने व फटे वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नये वस्त्रों को ग्रहण करता है, वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्यागकर दूसरे नये शरीर को प्राप्त होता है।]]

वेदाविनाशिनं नित्यं य एनमजमव्ययम्।

कथं स पुरुषः पार्थ कं घातयति हन्ति कम्।।

[[यह आत्मा किसी भी काल में न तो जन्मता है और न मरता ही है; यह अजन्मा, नित्य,सनातन और पुरातन है; शरीर के मारे जानेपर भी यह नहीं मारा जाता।]]

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।

न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।।

[[इस आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती, जल गला नहीं सकता और वायु सूखा नहीं सकता।]]

अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च ।

नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः ।।

[[इस आत्मा को काटा नहीं जा सकता, जलाया नहीं जा सकता, गलाया नहीं जा सकता, और ना हीं सुखाया जा सकता है; यह नित्य, सर्वव्यापी, अचल, स्थिर रहनेवाला और सनातन है।]]

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दिनांक: 18 मई 2010, समय: 04:37 अपराह्न

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बंधुओं, बहुत ही दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि श्री राघवेन्द्र गुप्ता जी का कुछ समय पूर्व पुणे के रत्ना स्मृति चिकित्सालय में देहावसान हो गया। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे एवं उनके परिवार वालों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करे।

साथ-साथ काम करते-करते

परिचय का एक खाका तैयार हुआ

जो लंच और चाय के वक्त में

होने वाली बात-चीत के साथ

कब प्रगाढ़ आत्मिक संबंध में बदल गया

पता हीं नहीं चला

यूं धीरे-धीरे आकर

हमारी दुनिया में दाखिल हो जाना

तब पता चला

जब आप हमारी दुनिया से बहुत दूर चले गए

राघवेन्द्र, आप बहुत याद आओगे....

बहुत ही याद आओगे....

16 टिप्‍पणियां:

  1. कलम के सिपाही को श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ!

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  2. बहुत दुख हुआ, समझ नही पा रहा हूँ कि कल जिसकी कुशलता के लिये प्रार्थना कर रहा था वह आज हमारे बीच नही है, मै समझ नही पा रहा हूँ कि ईश्वर इतना क्रूर क्‍यो हो जाता है..... राघवेन्‍द्र के असमयिक स्‍वर्गवास से शोकाकुल परिवार को सम्‍बल प्रदान करें।

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  3. राघवेन्द्र गुप्ताजी को AAI GROUP C-DAC की ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि...

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  4. अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं परिवारवालों को इस असह्य पीड़ा को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।।।।।

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  5. ऐसे मौकों पर सारा भाषा-ज्ञान साथ छोड़ जाता है.....
    क्या कहूँ...... श्रद्धांजलि...........................

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  6. राघवेंद्र जी जैसा दोस्त भगवान सबको दे।

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  7. भगवान राघवेन्द्र जी की दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें

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  8. aap ka dhanywaad jo aap mere blog par aaye aur apni baat rakhi.

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  9. विनम्र श्रद्धान्‍जलि


    ईश्‍वर उन्हे सद्गति प्रदान करे ।

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  10. कलम के सिपाही को श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ!
    ईश्‍वर उन्हे सद्गति प्रदान करे ।

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  11. इंटरनेट पर विचरण करते हुए आपके ब्लाग पर आगमन हुआ.आपके विचारों से अवगत हुआ.यशस्वी एवं सार्थक ब्लाग जीवन के लिए शुभकामनाएं स्वीकारें

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